मक्लोड़ गंज में बना तिब्बतन चिल्ड्रेन विलेज घर है, तक़रीबन दो हज़ार तिब्बती बच्चों का, जो यहाँ रहते और पढ़ते भी हैं। इस विलेज में ४३ होम हैं और एक होम में तक़रीबन ३०-४० बच्चें रहते हैं। इस चिल्ड्रेन विलेज को बनाने के पीछे, तिब्बत से आए शरणार्थी बच्चों की देख-भाल और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की सोच है। ये बच्चें बिना माता-पिता और अपने देश से दूर रहते हैं। ज़िन्दगी जीना सभी के लिए आसन तो नहीं है, पर इनके लिए जिंदगी और भी कठिन है। इसी तिब्बत चिल्ड्रेन विलेज का एक हिस्सा है 'लिटिल नोर्वे' इस होम में - वर्ष के बच्चें रहते हैं। ये उम्र वैसे तो माता-पिता की गोद में खेलने की है, पर इनके लिए यह संभव नही है।
फोटो फीचर : गार्गी निम
तिब्बत का भविष्य
हम होंगे कामयाब
एक मुस्कान भविष्य तो एक वर्तमान

हम खुश हैं

चाहत कुछ कर दिखाने की

हम आत्म निर्भर हैं

माँ जैसा प्यार